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92. संबंधों का सम्मान पाकर जनम मानव योनि में, इस

92. संबंधों का सम्मान

पाकर जनम मानव योनि में, 
इस डगर पर चलना होगा.
मानव संबंध से पूर्ण, 
भावनाओं से परिपूर्ण.
जब मार्ग भूल जाता, 
तब संबंधों की सीमाएं लांघ देता.
ना  रहता बोध सही गलत का, 
ना विलाप उनके खोने का.
सिर्फ स्वार्थ की सोच, 
ला देती रिश्तों में मोच.
समझो संबंधों की गहराईयों को, 
उतरो उनकी गलियों में.
सम्मान करो संबंधों का, 
प्राप्ति जीवन में उत्तम प्रबंधों का..... #elephant 92th poetry of my creation radha krishna dhara 🥰☺☺😀😊😊☺ shashank tiwari  Diksha Jha Swardhaam jaanusingh Indian Subhash Parteti
92. संबंधों का सम्मान

पाकर जनम मानव योनि में, 
इस डगर पर चलना होगा.
मानव संबंध से पूर्ण, 
भावनाओं से परिपूर्ण.
जब मार्ग भूल जाता, 
तब संबंधों की सीमाएं लांघ देता.
ना  रहता बोध सही गलत का, 
ना विलाप उनके खोने का.
सिर्फ स्वार्थ की सोच, 
ला देती रिश्तों में मोच.
समझो संबंधों की गहराईयों को, 
उतरो उनकी गलियों में.
सम्मान करो संबंधों का, 
प्राप्ति जीवन में उत्तम प्रबंधों का..... #elephant 92th poetry of my creation radha krishna dhara 🥰☺☺😀😊😊☺ shashank tiwari  Diksha Jha Swardhaam jaanusingh Indian Subhash Parteti

@Diksha Jha Swardhaam jaanusingh @Indian @Subhash Parteti">#elephant 92th poetry of my creation radha krishna dhara 🥰☺☺😀😊😊☺ shashank tiwari Diksha Jha Swardhaam jaanusingh Indian Subhash Parteti #कविता