लंबी लंबी रातों में छोटी छोटी बातों पे तेरा यूँ खिल जाना, अच्छा लगता है सर्द कड़कती ठंडी में खेतों की पगडंडी में तेरा यूँ नज़र मिलाना, अच्छा लगता है चोरी से, चुप चुप के घर में सबसे छुप छुप के तेरा यूँ मिलने आना, अच्छा लगता है गुलाबी खुशबू के पन्नों पे इन्द्रधनुष के रंगों से तेरा यूँ सब लिख जाना, अच्छा लगता है दिल की तारों से बंधे हुए और सपनों के रंग में सजे हुए तेरे वो गीत सुनाना, अच्छा लगता है ख़्वाहिशों की मीनारों पे दुख सुख के गलियारों में तुझको यूँ साथ में पाना, अच्छा लगता है।।