विवेक जाने कहां खोया पूरब के युवाओं का। आनंद उठाते फिर रहे पश्चिम की हवाओं का।। तप, शील, त्याग, तपस्या नहीं इससे कोई अनुबंध है। रह गए तस्वीरों में कैद हो के आज विवेकानंद हैं।। विनोद विद्रोही नागपुर