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एक नए हर्ष को, ये हर्ष बीतने को है, सम्भाल लो सहेज

एक नए हर्ष को,
ये हर्ष बीतने को है,
सम्भाल लो सहेज लो,
कि ये वर्ष बीतने को है।। 2017 को विदाई।
एक नए हर्ष को,
ये हर्ष बीतने को है,
सम्भाल लो सहेज लो,
कि ये वर्ष बीतने को है।। 2017 को विदाई।

2017 को विदाई। #Poetry