Nojoto: Largest Storytelling Platform

है धर्म नहीं अब जीवन में ये बना नुमाइश के जैसा, हर

है धर्म नहीं अब जीवन में
ये बना नुमाइश के जैसा,
हर गली शहर चौराहे पर,
कुश्ती आजमाइश के जैसा ।।
सुमित उपाध्याय है धर्म नहीं अब जीवन में
ये बना नुमाइश के जैसा,
हर गली शहर चौराहे पर,
कुश्ती आजमाइश के जैसा ।।
है धर्म नहीं अब जीवन में
ये बना नुमाइश के जैसा,
हर गली शहर चौराहे पर,
कुश्ती आजमाइश के जैसा ।।
सुमित उपाध्याय है धर्म नहीं अब जीवन में
ये बना नुमाइश के जैसा,
हर गली शहर चौराहे पर,
कुश्ती आजमाइश के जैसा ।।

है धर्म नहीं अब जीवन में ये बना नुमाइश के जैसा, हर गली शहर चौराहे पर, कुश्ती आजमाइश के जैसा ।। #Poetry