Nojoto: Largest Storytelling Platform

रूठी ज़िन्दगी मनाना सीखोगे जब ।।। तुमहारे कहे वो

रूठी ज़िन्दगी मनाना सीखोगे जब ।।।


तुमहारे कहे वो पाँच शब्द । आज ही का दिन पिछले साल । ऐसे ही थोड़ी सी धुप निकलकर आ रही थी बादलों में से । ठंडी हवा दिल को चीर सी रही थी । मौसम पंजाब का मुर्ज़ाया - मुर्ज़ाया से था । मैं और वो बैठे थे पार्क में एक मेज़ पर , हाथ में लिए चाय का गिलास । माफ करना मैं आप को उसका नाम नहीं बता सकता बस इतना जान लीजिए कि वो मेरी ज़िंदगी है । कोई बात खास नहीं हो रही थी दोनों में बस वो चाय पिए जा रही थी । मेरे दिल पर मौसम का असर बड़ी जल्दी होता है । उस दिन भी हाल बूरा ही था दिल का । मैं अपने ही खयालों में घूम सा था । लेकिन वो चाह रही थी कि मैं उससे कोई प्यार की बात करूं । 
"आप मुझे ज़िन्दगी मानते हो ?" - वो बोली
"हाँजी मानता हूँ"
"ज़िन्दगी चाहती है उस से हँस कर दो पल बातें करो"
"क्या कहूँ कुछ समझ नहीं आ रहा । ज़िन्दगी मानों बरबाद सी हो गई है"
dilpr33t0556

Dilpr33t

New Creator

रूठी ज़िन्दगी मनाना सीखोगे जब ।।। तुमहारे कहे वो पाँच शब्द । आज ही का दिन पिछले साल । ऐसे ही थोड़ी सी धुप निकलकर आ रही थी बादलों में से । ठंडी हवा दिल को चीर सी रही थी । मौसम पंजाब का मुर्ज़ाया - मुर्ज़ाया से था । मैं और वो बैठे थे पार्क में एक मेज़ पर , हाथ में लिए चाय का गिलास । माफ करना मैं आप को उसका नाम नहीं बता सकता बस इतना जान लीजिए कि वो मेरी ज़िंदगी है । कोई बात खास नहीं हो रही थी दोनों में बस वो चाय पिए जा रही थी । मेरे दिल पर मौसम का असर बड़ी जल्दी होता है । उस दिन भी हाल बूरा ही था दिल का । मैं अपने ही खयालों में घूम सा था । लेकिन वो चाह रही थी कि मैं उससे कोई प्यार की बात करूं । "आप मुझे ज़िन्दगी मानते हो ?" - वो बोली "हाँजी मानता हूँ" "ज़िन्दगी चाहती है उस से हँस कर दो पल बातें करो" "क्या कहूँ कुछ समझ नहीं आ रहा । ज़िन्दगी मानों बरबाद सी हो गई है" #Books #5words #ख़तज़िन्दगी

Views