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न जाने कब किसका भाव बढ़ेगा, इंतज़ार में दिन रात बित

न जाने कब किसका भाव बढ़ेगा,

इंतज़ार में दिन रात बिताना पड़ेगा।

न करो किसी की खातिर दिल बेचैन,

एक झलक की भी कीमत चुकाना पड़ेगा।
न जाने कब किसका भाव बढ़ेगा,

इंतज़ार में दिन रात बिताना पड़ेगा।

न करो किसी की खातिर दिल बेचैन,

एक झलक की भी कीमत चुकाना पड़ेगा।