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जो महफ़िल में आ जाये तो मर जायेगा शायर को जिंदा रख

 जो महफ़िल में आ जाये तो मर जायेगा शायर को जिंदा रखता है अकेलापन उसका, जानता हूँ हुस्न की बारीकियां हर एक, कहा छूने से जल उठेगा बदन उसका ।
@dreamsubhas
 जो महफ़िल में आ जाये तो मर जायेगा शायर को जिंदा रखता है अकेलापन उसका, जानता हूँ हुस्न की बारीकियां हर एक, कहा छूने से जल उठेगा बदन उसका ।
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