क़ाफ़िर हो गई हूँ मैं की मुझमे खुदा नज़र नही आता, मैं खुद का ही क़त्ल कर के मुकर गई, भला अपने ज़ज़्बातों को ज़िंदा दफन करने का इल्जाम कोई खुद पे कैसे लगाता!