अधूरा इश्क मुक्म्मल करने कि खातिर अपना जहाँ अधूरा कर बैठे खवाइसें दुनियाँ जहान संग जीने खातिर अब तक हजरों बार मर बैठें अधूरा इश्क मुक्म्मल करने कि खातिर अपना जहाँ अधूरा कर बैठे खवाइसें दुनियाँ जहान संग जीने खातिर अब तक हजरों बार मर बैठें