एक पहाड़े सा जो मेरी उंगली पर ठहरा है तेरी चुप्पी का सबब क्या है, इसे हल कर दे ये फ़कत लफ्ज हैं तो रोक दे रस्ता इनका अगर सच है तो बात मुकम्मल कर दे...