आज दुष्यंत कुमार जी की पुण्यतिथि पर उनका स्मरण करते हुए उनकी एक रचना पोस्ट कर रहा हूँ। पढ़िए और बताइए कैसा लगा?
मेरे स्वप्न तुम्हारे पास सहारा पाने आयेंगे
इस बूढे पीपल की छाया में सुस्ताने आयेंगे
हौले-हौले पाँव हिलाओ जल सोया है छेडो मत
हम सब अपने-अपने दीपक यहीं सिराने आयेंगे #Poetry#Kumar#kavishala#dushyant