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हौले-हौले पाँव हिलाओ जल सोया है छेडो मत हम सब अपन


हौले-हौले पाँव हिलाओ जल सोया है छेडो मत
हम सब अपने-अपने दीपक यहीं सिराने आयेंगे

Dushyant Kumar आज दुष्यंत कुमार जी की पुण्यतिथि पर उनका स्मरण करते हुए उनकी एक रचना पोस्ट कर रहा हूँ। पढ़िए और बताइए कैसा लगा?


मेरे स्वप्न तुम्हारे पास सहारा पाने आयेंगे
इस बूढे पीपल की छाया में सुस्ताने आयेंगे

हौले-हौले पाँव हिलाओ जल सोया है छेडो मत
हम सब अपने-अपने दीपक यहीं सिराने आयेंगे

हौले-हौले पाँव हिलाओ जल सोया है छेडो मत
हम सब अपने-अपने दीपक यहीं सिराने आयेंगे

Dushyant Kumar आज दुष्यंत कुमार जी की पुण्यतिथि पर उनका स्मरण करते हुए उनकी एक रचना पोस्ट कर रहा हूँ। पढ़िए और बताइए कैसा लगा?


मेरे स्वप्न तुम्हारे पास सहारा पाने आयेंगे
इस बूढे पीपल की छाया में सुस्ताने आयेंगे

हौले-हौले पाँव हिलाओ जल सोया है छेडो मत
हम सब अपने-अपने दीपक यहीं सिराने आयेंगे

आज दुष्यंत कुमार जी की पुण्यतिथि पर उनका स्मरण करते हुए उनकी एक रचना पोस्ट कर रहा हूँ। पढ़िए और बताइए कैसा लगा? मेरे स्वप्न तुम्हारे पास सहारा पाने आयेंगे इस बूढे पीपल की छाया में सुस्ताने आयेंगे हौले-हौले पाँव हिलाओ जल सोया है छेडो मत हम सब अपने-अपने दीपक यहीं सिराने आयेंगे #Poetry #Kumar #kavishala #dushyant

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