चमक इस हयाते ज़र्क़ पर आई चमक में खोते चले गए आंखों के इस मुबश्शिर दरिया में डूबते चले गए कश्ती चाहत की जब साहिल को तलाशती रही आंखों में छलकते सवालों के जवाब ढूंढते रह गए मुबश्शिर – खुशियां लाने वाला