चला चल अपने पथ पर एक प्रण ठाने हुए रुक न जाना राह पर हार को माने हुए लक्ष्य पाना है अगर फिर किस्मत के ताले न देख मंजिलें देख मगर, पैर के छाले न देख लक्ष्य प्राप्ति के लिए जरूरी सुरूर है मंजिल अभी दूर है मंजिल अभी दूर है -अंकुर कौरव