Nojoto: Largest Storytelling Platform

अब इत्र भी मलो तो मुहब्बत की बू नहीं, वो दिन हवा ह

अब इत्र भी मलो तो मुहब्बत की बू नहीं,
वो दिन हवा हुए की पसीना गुलाब था!
अब इत्र भी मलो तो मुहब्बत की बू नहीं,
वो दिन हवा हुए की पसीना गुलाब था!