मैं निश्छल और निस्वार्थ कहूँ तो ,तुम मां का प्यार समझ लेना। मैं झगड़ालू, अकड़ू बोलूं तो, बहना की तकरार समझ लेना। मैं धीर ,गंभीर और शांत कहूँ जो, तुम पिता का दुलार समझ लेना। एक अडिग कंधा जो बोलू मैं, तुम भाई और यार समझ लेना। जो जिक्र करूँ खुद का मैं तो, इक लड़की का संसार समझ लेना। मुख से निकला यदि प्यार कभी, तुम सृष्टि का आधार समझ लेना। #love