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उस शहर की गलियों में फिर से गया मैं आज भी तुम्हारी

 उस शहर की गलियों में फिर से गया मैं
आज भी तुम्हारी खुसबू महकती है वंहा
 उस शहर की गलियों में फिर से गया मैं
आज भी तुम्हारी खुसबू महकती है वंहा
vinaykumar3349

Vinay Kumar

New Creator

उस शहर की गलियों में फिर से गया मैं आज भी तुम्हारी खुसबू महकती है वंहा #Poetry