निरास क्यों हो रहा हूं यू जिंदगी से। ऐसा क्यों लग रहा है कि कुछ भी नही हो पा रहा है जिंदगी से, एक लौ तो चाहिए रोशन के लिए, क्योंकि बिना सहारे के तो दीप भी नही जलते।