हम डूब रहे है नए साल के जश्न मनाने में, वो डूब रही है अंधेरे के तहखाने में, यह जनवरी से दिसंबर तो महज बहता झरना है, हर रात आँखो मे समन्दर लिऐ उन भेड़ियो से सिहरना है। #तवायफ