शिलकत-ए-शहर के बीच गुम से हो गए हैं शायद तोड़े मशरूफ से हो गए हैं वो, नहीं तो जो फुरकत के नाम से सहम जाते थे आज कुरबत लफ्ज़ से भी अश्क बा रहें हैं वो #Kavishala शिलकत-ए-शहर = शहर वासी लोग मशरूफ = व्यस्त/busy फुरकत = जुदाई कुरबत = नज़दीक