मेरे मन में पल रहा है...... एक ख्वाब धीरे धीरे......., होने लगा है उससे........ इक जुड़ाव धीरे धीरे.......! लहरें हुई हैं पागल..... मदहोश है समन्दर......, अब फंस रही भवँर में..... मेरी नाव धीरे धीरे.........!