शाहदत हसन मंटो की बरसी पर.......
मंटो जी जिस बेबाकी के साथ समाज की बुराइयों पर चोट करते थे, शायद ही कोई करने की कोशिश करता है आज के जमाने में।
हमारी बदकिस्मती रही की हम ऐसे इंसान को वक्त रहते नहीं पहचान पाये।
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