अब ये ना पूछना के मैं अल्फ़ाज़ कहा से लाती हूँ, मेरे पास अपना कोई दर्द नही न कोई दास्तान, मैं तो बस अपनी कलम से दूसरों की कहानियाँ सुनाती हूँ!