मोहब्बत की जो आखरी लौ बची थी, उसे भी किसी ने फूंक मारकर बुझा दिया। मेरा उसके साथ देख, लोगो को होती थी इतनी जलन, आए थे बेवकूफ मेरा घर जलाने,खुद का घर जला दिया।।