मोहब्बत तो आज भी उतनी ही है तुझसे। बस अब हक़ जताया नही जाता मुझसे।। हर कोई पूछता है सबब मेरी खामोशी का, पर मैं चुप ही रहता हूँ, तेरा दिया दर्द बताया नही जाता सबसे।। निसार मलिक