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फिर यूँ हुआ...!! आहिस्ता से थामकर मेरे चेहरे को व

 फिर यूँ हुआ...!!

आहिस्ता से थामकर मेरे चेहरे को वो छू गए दिल मेरा...!!
भीगती रही एक नज्म मुझमें,
अल्फाज मुहब्बत के गुनगुनाने लगे....!!
 फिर यूँ हुआ...!!

आहिस्ता से थामकर मेरे चेहरे को वो छू गए दिल मेरा...!!
भीगती रही एक नज्म मुझमें,
अल्फाज मुहब्बत के गुनगुनाने लगे....!!
babli2476760580553

babli

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फिर यूँ हुआ...!! आहिस्ता से थामकर मेरे चेहरे को वो छू गए दिल मेरा...!! भीगती रही एक नज्म मुझमें, अल्फाज मुहब्बत के गुनगुनाने लगे....!! #Poetry