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बारिश जो गिरती रही रात भर तेरे ख़्वाबों ने पनाह दी

 बारिश जो गिरती रही रात भर
तेरे ख़्वाबों ने पनाह दी
अब सुबह तन्हाई के आगोश में
तेरी यादों ने पनाह दी
www.ibadat-e-lafz.com©
 बारिश जो गिरती रही रात भर
तेरे ख़्वाबों ने पनाह दी
अब सुबह तन्हाई के आगोश में
तेरी यादों ने पनाह दी
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बारिश जो गिरती रही रात भर तेरे ख़्वाबों ने पनाह दी अब सुबह तन्हाई के आगोश में तेरी यादों ने पनाह दी www.ibadat-e-lafz.com© #Poetry