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मैं चाँद सा तुम्हारा, तुम धरती सी सूरज की, मैं तुम

 मैं चाँद सा तुम्हारा,
तुम धरती सी सूरज की,
मैं तुम्हारे फेरे लगाऊं,
तुम उसकी ओर ही खींचती। 
मेरी भी तो चांदनी है,
पर मैं तुमको करता रौशन,
जलता बुझता, ढलता बढ़ता 
यूँ ही कटता जीवन।
 मैं चाँद सा तुम्हारा,
तुम धरती सी सूरज की,
मैं तुम्हारे फेरे लगाऊं,
तुम उसकी ओर ही खींचती। 
मेरी भी तो चांदनी है,
पर मैं तुमको करता रौशन,
जलता बुझता, ढलता बढ़ता 
यूँ ही कटता जीवन।

मैं चाँद सा तुम्हारा, तुम धरती सी सूरज की, मैं तुम्हारे फेरे लगाऊं, तुम उसकी ओर ही खींचती। मेरी भी तो चांदनी है, पर मैं तुमको करता रौशन, जलता बुझता, ढलता बढ़ता यूँ ही कटता जीवन। #Photography #Nature #Sun

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