जीव की ऊर्जा और नक्षत्र की ऊर्जा मिलकर जीव के जीवन का संचालन करते हैं जब जीव की ऊर्जा नक्षत्र की ऊर्जा से मेल खाते हैं तो उसका जीवन अच्छा होता है और जब जीव की ऊर्जा नक्षत्रों की ऊर्जा को ग्रहण नहीं कर पाती तो वहां पर धीरे-धीरे परेशानियां उत्पन्न होने लगती है और जब यह परेशानियां बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं तब तब इनका उपचार शुरू के जाता है यही ग्रह दोष कहलाता है इसी कारण जीव अलग-अलग ऊर्जा में उत्पन्न होता है भोले बाबा #elephant