Pic : pexels com
" अभी-अभी तो आये हो मुस्कुरा भी दिजिए ,
मेरे बिन तेरे शहर का मिजाज कैसा रहा बता भी दिजिए ,
मेरी गैर मैजूदीगी से कितना खलल पड़ता है ,
जो होशो-हवास में हो तो कुछ खिसे सुना भी दिजिए ."
--- रबिन्द्र राम
" अभी-अभी तो आये हो मुस्कुरा भी दिजिए ,
मेरे बिन तेरे शहर का मिजाज कैसा रहा बता भी दिजिए ,
मेरी गैर मैजूदीगी से कितना खलल पड़ता है ,
जो होशो-हवास में हो तो कुछ खिसे सुना भी दिजिए ."
--- रबिन्द्र राम
#मुस्कुरा#शहर#मिजाज#मैजूदीगी#खलल#होशो-हवास #खिसे#शायरी