शिक्षा जीवन का आधार हैं शिक्षा व्यापार नहीं लेकिन आधुनिकता के दौर में शिक्षा सिर्फ और सिर्फ व्यापार बनकर रह गया आज बच्चे कि जहां मस्ती भरे माहौल की उम्र होती है वहीं पर उन्हें पाठशाला का दर्शन करवा दिया जाता है बच्चे के वजन से भी ज्यादा पुस्तकों का भार उसकी पीठ पर लाद दिया जाता है बच्चे की वह स्वतंत्रता रूप जिंदगी अक्षर ज्ञान के अंदर लॉक हो जाती बच्चा रटं तप्रणाली का शिकार हो जाता है और प्रतिशतता जिन्हें शिक्षा का ढकोसला बनाकर बच्चे के प्रतिभा का नाश किया जाता है हम जानते हैं प्रत्येक बालक की अ
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Hemant Rai
व्यथा!!!
क्या लिख दू जो, मेरे अस्तित्व के होने का प्रमाण बन सके,
दिन-प्रतिदिन, जूझते-डगमगाते मेरे जीवन की व्यथा को कह सके।
ऐसा क्या लिख दू कि, बिन-पूछे,बिन-कहे
मेरे शब्दों की चीत्कार सुनाई दे सके,
खोखले होते हुए शरीर में शेष बचे, विचारों को कह सके। #कविता#dhaage#Vow#imagism