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@nil J@in R@J

नवरात्र तीसरा दिन पूजा विधि मां की

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नवरात्र तीसरा दिन

पूजा विधि

माँ चंद्रघंटा

नवरात्री के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा के लिए सर्वप्रथम माता की चौकी पर माँ चंद्रघंटा की प्रतिमा स्थापित करें। गंगा जल से इसे शुद्ध करे. इसके बाद चौकी पर एक कलश में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें। पूजा का संकल्प लेकर सभी देवी- देवताओं का आवाहन करे. सभी प्रकार की पूजन सामग्री जैसे- वस्त्र, सुहाग पिटारी, चंदन, रोली, अक्षत, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, फूल, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, सुपारी, दक्षिणा, अर्पित कर पूजा करे. पूजा संपन्न करने के बाद प्रसाद वितरण कर पूजन संपन्न करनी चाहिए.
 #NojotoQuote नवरात्र तीसरा दिन पूजा विधि मां की

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 || श्री हरि: || 4 - मनुष्य क्या कर सकता है? 'पशुपतिनाथ। मुझ अज्ञानीको मागे दिखाओ।' उस ठिगने किन्तु सुपुष्ट शरीर वृद्ध के नेत्र भर आये। उसके भव्य भाल पर कदाचित ही किसीने कभी चिन्ता की रेखा देखी हो। विपत्ति में भी हिमालय के समान अडिग यह गौरवर्ण छोटे नेत्र एवं कुछ चपटी नाक वाला नेपाली वीर आज कातर हो रहा है -'भगवान । मुझे कुछ नहीं सूझता कि क्या करूं। मनुष्य को तुम क्यों धर्मसंकट में डालते हो? तुम्हें पुकारना छोड़कर मनुष्य ऐसे समय में और क्या करे? तुम बताओ, म

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9

|| श्री हरि: ||
4 - मनुष्य क्या कर सकता है?

'पशुपतिनाथ। मुझ अज्ञानीको मागे दिखाओ।' उस ठिगने किन्तु सुपुष्ट शरीर वृद्ध के नेत्र भर आये। उसके भव्य भाल पर कदाचित ही किसीने कभी चिन्ता की रेखा देखी हो। विपत्ति में भी हिमालय के समान अडिग यह गौरवर्ण छोटे नेत्र एवं कुछ चपटी नाक वाला नेपाली वीर आज कातर हो रहा है -'भगवान । मुझे कुछ नहीं सूझता कि क्या करूं। मनुष्य को तुम क्यों धर्मसंकट में डालते हो? तुम्हें पुकारना छोड़कर मनुष्य ऐसे समय में और क्या करे? तुम बताओ, म

Nitish Sagar

किसान है तो देश की सांस में जान है...... मैं गांव से हुं तो किसानों को करीब ही नहीं बहुत करीब से जानता हुं।अभी मैं आगे की पढ़ाई पटना से कर रहा हुं लेकिन जब भी गांव आता हूं तो खेतों में जाना नहीं भुलता । खेतों में सैर करने जाता तो बचपन की यादें ताजा हो जाती। बचपन के दिनों में अपने दादा जी के साथ खेत में आता था और वहां सबको बारीकी से देखता था जन आते थे जन गाँव की भाषा मे मजदूर को बोलते है तो जन के आते ही खेत जोतना शुरू होता था (उस समय खेतों में हल से जुताई होती थी लेकिन अब ट्रेक्टरो से होती है) ज #Quotes #Photography #Love #Hindi #farmer #village_lover

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read in caption किसान है तो देश की सांस में जान है......

मैं गांव से हुं तो किसानों को करीब ही नहीं बहुत करीब से जानता हुं।अभी मैं आगे की पढ़ाई पटना से कर रहा हुं लेकिन जब भी गांव आता हूं तो खेतों में जाना नहीं भुलता ।
खेतों में सैर करने जाता तो बचपन की यादें ताजा हो जाती।
बचपन के दिनों में अपने दादा जी के साथ खेत में आता था और वहां सबको बारीकी से देखता था जन आते थे जन गाँव की भाषा मे मजदूर को बोलते है तो जन के आते ही खेत जोतना शुरू होता था (उस समय खेतों में हल से जुताई होती थी लेकिन अब ट्रेक्टरो से होती है) ज

Anil Siwach

|| श्री हरि: || 4 - मनुष्य क्या कर सकता है? 'पशुपतिनाथ। मुझ अज्ञानीको मागे दिखाओ।' उस ठिगने किन्तु सुपुष्ट शरीर वृद्ध के नेत्र भर आये। उसके भव्य भाल पर कदाचित ही किसीने कभी चिन्ता की रेखा देखी हो। विपत्ति में भी हिमालय के समान अडिग यह गौरवर्ण छोटे नेत्र एवं कुछ चपटी नाक वाला नेपाली वीर आज कातर हो रहा है -'भगवान । मुझे कुछ नहीं सूझता कि क्या करूं। मनुष्य को तुम क्यों धर्मसंकट में डालते हो? तुम्हें पुकारना छोड़कर मनुष्य ऐसे समय में और क्या करे? तुम बताओ, मुझे क्या करना चाहिये हैं?' आँसू की बुंदे #Books

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|| श्री हरि: ||
4 - मनुष्य क्या कर सकता है?

'पशुपतिनाथ। मुझ अज्ञानीको मागे दिखाओ।' उस ठिगने किन्तु सुपुष्ट शरीर वृद्ध के नेत्र भर आये। उसके भव्य भाल पर कदाचित ही किसीने कभी चिन्ता की रेखा देखी हो। विपत्ति में भी हिमालय के समान अडिग यह गौरवर्ण छोटे नेत्र एवं कुछ चपटी नाक वाला नेपाली वीर आज कातर हो रहा है -'भगवान । मुझे कुछ नहीं सूझता कि क्या करूं। मनुष्य को तुम क्यों धर्मसंकट में डालते हो? तुम्हें पुकारना छोड़कर मनुष्य ऐसे समय में और क्या करे? तुम बताओ, मुझे क्या करना चाहिये हैं?'

आँसू की बुंदे


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