मोहब्बत के आसमान पर परिन्दा उड़ रहा था,,मर गया था जिस्म पर ज़िन्दा उड़ रहा था. जुदाई का तीर दिल के पार था,,टूट गया था दिल,,होकर शर्मिंदा उड़ रहा था। परिंदा💥✍️6.1aman #hindishayari#urdushayari#punjabishayari Rao Divya Yaduvanshi ❣️ Ruchika