कोई हिन्दू, कोई मुसलमां हो गया।।
वक़्त ने ली ऐसी करवट, मैं हिन्दू तू मुसलमां हो गया।
जिस दिल मे रहते थे दोनों, वहां अब दो जहां हो गया।
बन मुर्गा रहे लड़ते, बांध पंजों में टुकड़ा एक ब्लेड का,
जो रहा लड़ाता हमे, आज वही देखो रहनुमां हो गया।
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