मैं जिस्म सा, तू रूह सी, मैं एक का, तू कई की, तुझे जरूरत बदलाव की, मुझे जरूरत,बिन तेरे,आग की, तू वजह खुशियाँ की, मैं वजह आँसुओं की, साथ तेरे, मैं बेशकीमती साथ तेरे,मुझमें खुशबू इत्र सी, तू कारण मेरे मोक्ष की, तेरे होने से,मेरे लक्ष्य सभी, बिन तेरे मैं, जैसे पानी बिन नदी, बिन तेरे मै, जैसे सालों बिन सदी, तू वजह मेरे नाम की, तू वजह मेरे कलाम मिले जो मुझमे तू खुशी खुशी, हो शुरु एक नई जिंदगी ... #जलज #कई- बहुत से लोगो की मैं जिस्म सा, तू रूह सी, मैं एक का, तू कई की, तुझे जरूरत बदलाव की, मुझे जरूरत,बिन तेरे,आग की, तू वजह खुशियाँ की, मैं वजह आँसुओं की, साथ तेरे, मैं बेशकीमती साथ तेरे,मुझमें खुशबू इत्र सी,