ना तुम्हारी थी ख़ता , ना था मेरा ही कुसूर , यूं तो ख़ुदा भी मुझसे रूठा था और कुछ वक़्त भी मजबूर ।। #वक़्त #ख़ुदा #मजबूरियां #कुसूर