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ये तो शहर का अपना सा आलम है। महक-ए-ग़ज़ल लिपटी है इस

ये तो शहर का अपना सा आलम है।
महक-ए-ग़ज़ल लिपटी है इसकी फ़िज़ाओं में,
वरना ये अंदाज-ए-शायरी मकबूल कभी कभी होता है। शहर शायरी ग़ज़लें नगमे
खूबसूरती ये सब शामों की मोहताज है।

#उर्दू #शाम #शहर #गुमनाम #इश्क़ #उमंग #प्यार #love #moments #time #poetry #dat #images #lives
ये तो शहर का अपना सा आलम है।
महक-ए-ग़ज़ल लिपटी है इसकी फ़िज़ाओं में,
वरना ये अंदाज-ए-शायरी मकबूल कभी कभी होता है। शहर शायरी ग़ज़लें नगमे
खूबसूरती ये सब शामों की मोहताज है।

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शहर शायरी ग़ज़लें नगमे खूबसूरती ये सब शामों की मोहताज है। #उर्दू #शाम #शहर #गुमनाम #इश्क़ #उमंग #प्यार #Love #moments #Time #Poetry #Dat #images #lives #Shayari