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आँचल अभी- अभी ज़न्नत से होकर आया हूँ, मैं फिर से

आँचल अभी- अभी ज़न्नत से होकर आया हूँ, 

 मैं फिर से माँ के आँचल में सोकर आया हूँ,

ऊब गया था दिखावे  की हँसी हँसते- हँसते, मुद्दतों बाद बच्चो सा सिसक -सिसक के रोकर आया हूँ.... ##Jannat, #Maa, #Bachcha #Shayari #Sharif
आँचल अभी- अभी ज़न्नत से होकर आया हूँ, 

 मैं फिर से माँ के आँचल में सोकर आया हूँ,

ऊब गया था दिखावे  की हँसी हँसते- हँसते, मुद्दतों बाद बच्चो सा सिसक -सिसक के रोकर आया हूँ.... ##Jannat, #Maa, #Bachcha #Shayari #Sharif