तेरे कंगन काश के मै तेरे हसी हांथ का कंगन होता तु बड़े चाव से मन से बड़े अरमान के साथ अपनी नाज़ुक सी कलाई मे चढ़ती मुझको काश के मै तेरे हसी हांथ का कंगन होता तेरे हांथ का कंगन