लिखने को उठाया पैन तो खुद को उलझा सा पाया कही ओर कुछ ऐसा नहीं नहीं लिख से जिसमें खुद को दूर दूर तक नहीं पाया.. थोड़ा सा सहम गया..बिखर गया, खुद को बदनसीब पाया फिर सोचा तुम्हारा नाम लिख दू लेकिन वो भी इतना मुश्किल जैसे पानी पर पानी लिखना पाया । सिमट रहा हूं खुद में , खो जाऊंगा खुद में थोड़ी लापरवाह तुम हो रही हो थोड़ा बेपरवाह खुद को भी पाया।। #NojotoQuote