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मिटी ठण्डी, रजाई हो गई है मेरी जाँ से सगाई हो गई

मिटी ठण्डी, रजाई हो गई है 
मेरी जाँ से सगाई हो गई है 

बदन है संगमरमर सा तुम्हारा 
कमर उस पर सुराही हो गई है 

नीलेन्द्र शुक्ल " नील "
#Poetrywithneel #Poetrywithneel
मिटी ठण्डी, रजाई हो गई है 
मेरी जाँ से सगाई हो गई है 

बदन है संगमरमर सा तुम्हारा 
कमर उस पर सुराही हो गई है 

नीलेन्द्र शुक्ल " नील "
#Poetrywithneel #Poetrywithneel
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