सोचा था काबिल हैं सब बस आज कल में समझेंगे पर अब लिखना मजबूरी है कैसे कलम को रोकेंगे पिछले कुछ दिनों से देश की नब्ज़ में कुछ हलचल बढ़ सी गई है थे पढ़े लिखे समझदार जो उनमे थोड़ी जाहिलियत सी आ गई है सब देख समझ भी हिंसा कर रहे इंसानियत जैसे खो सी गई है अफवाहों को हवा दे जैसे उनके रूह को तसल्ली सी आ रही है भारत के जो नागरिक हैं उनके डरने की मुझे वजह समझाओ क्या आधार कार्ड नही तेरे पास दस्तावेज का भ्रम न फैलाओ क्या एक स्वतंत्र देश को अधिकार नही नागरिकों को पहचाना जाए जो अवैध घर घुस आए उनको बाहर का रास्ता दिखलाया जाए विश्व मे एक भारत हीं है जो सभी धर्मों का पनाहगार बन सकता मुस्लिम देशों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किसी से नही छुपा 30%से 3 % हो गई जनसंख्या अत्याचार उनपे फिर भी नही रुका जो फूँक कर पग रखते ऐसे बौद्धों को भी हिंसा के लिए विवश किया वो तीनों मुस्लिम राष्ट्र है तो फिर मुस्लिमो को संघर्ष हीं कैसी उनके संविधान में धर्म प्रथम है तो दोयम दर्जे पर आते बाकी इसीलिए कानून बना है ताकि संरक्षण अल्पसंख्यकों की कर पाए जैसी हिंसा फैल रही इसी बात से विश्व भर मे आपकी इज्जत है घटी (कोई सफाई नही बस साफगोई) satyprabha💕 #NRC #CAB #CAA