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मुझे डर है उन लम्हों का कि कहीं मेरे आंसू मेरा रुख

मुझे डर है उन लम्हों का कि कहीं मेरे आंसू मेरा रुख ना बदल दे, इस एकतरफा और दर्दनाक मोहब्बत से और कहीं कह ना दे,
 चल भूल जा सब कुछ  अब कहीं और चलते हैं जैसे रास्तों में कुछ आवारा करके शोर चलते हैं
- कृष्णा Darrr....
मुझे डर है उन लम्हों का कि कहीं मेरे आंसू मेरा रुख ना बदल दे, इस एकतरफा और दर्दनाक मोहब्बत से और कहीं कह ना दे,
 चल भूल जा सब कुछ  अब कहीं और चलते हैं जैसे रास्तों में कुछ आवारा करके शोर चलते हैं
- कृष्णा Darrr....
krishna7391

Krishna😊

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Darrr....