मासूम सी दिखती है मगर वो गुनहगार भी बहुत है मैं क्या करूं मेरे मौला मुझे उससे प्यार भी बहुत है हर उसूल तोड़ने का माद्दा रखती है मगर वो रस्मों-रिवाजों के आगे लाचार भी बहुत है राह-ए-इश्क में वो बेवफा निकली तो क्या हुआ अंदाज-ए-बेवफाई में वो वफादारी बहुत है जुबा लाख कहे वो आए ना आए कोई फर्क नहीं मगर मेरे दिल को उसका इंतजार भी बहुत है चेहरे से भले ही वो बा-सुकून नजर आती है मगर मैं जानता हूं वो दिल से बीमार भी बहुत है मासूम सी दिखती है मगर........... 📝 by. Lo.ve Lokesh verma मासूम से दिखती है मगर......