वो चिनार के सूखे पत्तों सा, कुछ इस तरह दरख़्त से बिछड़ गया। समेट सका ना उसे फिर कोई, वो हर शब में तन्हा रह गया।। ग़म रहा दूरियों का उसे.... पर फिर ना कभी मिल सका।। साथ रहा तो महेज़ साया उसका 😂😂 पर सदियों तक नाम दरख़्त का जुड़ गया।। 😅😅 #NojotoQuote दरख़्त- पेड़ शब- रात/शाम #nojoto #adhuri_kahani #kuch_bheege_alfaaz