तुझसे बिछड़कर जिंदा हूँ अब तक वजह तेरी यादों की उल्फत में कैद हूँ अब तक तेरी याद खून की आँसू रूलाती है ऐसी कोई सुबह तेरी याद आती नहीं हैं.. क्या खता हुई है हमसे तु मुझे याद करती नहीं है.. #कुमार साहित्य तुझसे बिछड़कर जिंदा हूँ अब तक वजह तेरी यादों की उल्फत में कैद हूँ अब तक तेरी याद खून की आँसू रूलाती है ऐसी कोई सुबह तेरी याद आती नहीं हैं.. क्या खता हुई है हमसे तु मुझे याद करती नहीं है.. #कुमार साहित्य