हम हैं बच्चे इस कविता के माध्यम से बताया गया है कि हंसते खेलते बच्चे सभी को प्यारे लगते हैं बच्चों की सच्चाई और मासूमियत के कारण ही तो उन्हें ईश्वर का रूप कहा जाता है हम बच्चे हैं सुंदर सुमन सदा मुस्कुराते रहते हैं बांटते हैं सब में खुशी नाचते गाते और हंसाते हैं मां के प्यार में पढ़ने वाले पलने वाले हम हैं हीरे निराले निराले इस धरा की सुख संपदा और शोभा के रखवाले आंखों में सपने पाले दुनिया को दिखला देंगे इन नन्हे छोटे हाथों की महिमा का पाठ पढ़ा देंगे हर बच्चा दिल का सच्चा हैलगता है उसे सब अच्छा है जीवन का यह राग राग है सच्चा तभी तो सच्चाई का रूप है बच्चा.... ©Gopika Somani #poemkavita