ज़मीं से फ़लक तक, एक सफ़र तय करना है, कुछ को भूलना है और, कुछ सपनों को जीना है।। किसी मोड़ पर टूट भी जाऊँगा, कभी खुद से दूर भी हो जाऊँगा, हारकर भी हर जंग को जीतना है, फ़लक तक का सफ़र तय करना है। खामोशी से दिल में उसके बसना है, इज़हार-ए-इश्क . है, ज़मी से फ़लक तक का सफ़र, उसके संग ही अब तय करना है।। #Drjverma #love