प्यार और फ़रेब बेशुमार इश्क़ था तुम्हारी आंखों मे मेरे लिए हां बेशुमार इश्क़ था तुम्हारी आंखों मे मेरे लिए बढ़ते सालों मे वही बेशुमार प्यार उमड़ आया तुम्हारी होटों की बातों पर किसी अनजान के लिए फिर क्या अब तो तुम्हारी आंखों मे फ़रेब ही नजर आता है #प्यार_और_फ़रेब #December - nayak 0.9 ☑