तुम्हारे नैनों के बिन बोले अल्फाजों से में आज भी खेलता हूँ, उनमे तुम्हारा अक्स ढूंढता हूँ,तुम्हारी खुश्बू तलाशता हूँ, तुम्हारी हंसी के फव्वारों की स्याही से सींचे वो आखर आज भी बेचैनी के पलों में हमदर्दी से तुम्हे सोचने पे मजबूर कर देते हैं..इन अल्फाजों से मेरा ये प्यार जैसे तुम्हाते प्यार की छाया में थका पथिक सा ठहरा हूँ.... #चिट्ठी ,#alfaj #शब्द Patel Gourav Kumar irslan khan Rao Divya Yaduvanshi ❣️ Sourav Roy Prince yadav